क्या होता है लीप ईयर हर चार साल में ही क्यों आता है ?

इस बार फरवरी का महीना 28 दिन की जगह 29 दिन का होने वाला है, इसे लीप वर्ष कहा जाता है हर चार साल बाद लीप वर्ष आता है। आइये जानते हैं लीप वर्ष के बारे में कुछ खास बातें

लीप वर्ष को खेल की दुनिया में ओलंपिक वर्ष भी कहा जाता है। लीप वर्ष और ओलंपिक हर चार साल बाद ही आते हैं, कोरोना महामारी के कारण इसमें फेरबदल करना पड़ा था.

संपूर्ण विश्व में ग्रेगोरियन कैलेंडर का प्रयोग किया जाता है। बता दें कि एक कैलेंडर में दिनों की संख्या पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के आधार पर बताई गई है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगभग 365.242 का समय लगता है। इसलिए 3 वर्ष 365 दिन कैलेंडर में होते हैं। 

वहीं अगर हम 0.242 दिन को अप्लाई करते हैं तो पूरा एक दिन हो जाता है, इसलिए हर 4 साल बाद कैलेंडर में एक दिन की बढ़ोतरी होती है, जिसे लीप ईयर कहा जाता है।

वैदिक ज्योतिष पंचांग को विक्रम संवत के आधार पर देखा जाता है। यह चंद्रमा की चाल के विरुद्ध है। बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर की तुलना में हिंदू कैलेंडर में 354 दिन ही होते हैं 

लीप ईयर उन लोगों के लिए बेहद खास बात है, जिनका जन्म 29 फरवरी को होता है, क्योंकि उनका जन्मदिन हर चार साल में एक बार आता है। और लोग बहुत बेसब्री से इस साल का इंतज़ार करते हैं