नमस्ते, दोस्तों, आज, हम एक ऐसे विषय पर चर्चा कर रहे हैं जो कई लोगो के विचार में सामान्य नहीं हो सकता। लेकिन जो लोग एकांत में पनपते हैं उनमे असाधारण व्यक्तित्व के लक्षण होते हैं।आईये जानते है उन लक्षणो के बारे में. जो लोग अकेले रहना पसंद करते हैं उनमें ये 7असाधारण खूबियां होती है
ऐसी दुनिया जिसमे अक्सर ऐसा महसूस होता है कि हर दिशा हम पर चिल्ला रही है, चारो और अनावश्यक आवाज़े तब अकेले रहने में एक विशेष प्रकार का जादू महसूस होता है। एकांत चाहने वालों को असामाजिक सन्यासी मानने की ग़लतफ़हमी से दूर, जो लोग अकेले समय का आनंद लेते हैं उनमें ऐसे गुण होते हैं जो उल्लेखनीय से कम नहीं होते हैं। आइए उन पर से पर्दा हटाएँ और एकांत की महाशक्तियों की खोज में आगे बढे।
- आत्म-निर्भरता
- गहरी आत्म-जागरूकता
- गहरी सोच और रचनात्मकता
- सहनशीलता और आत्म-संयम
- संवेदनशीलता और गहरी अंतर्दृष्टि
- उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता और फोकस
- आत्म-सुधार की प्रतिबद्धता
1. आत्म-निर्भरता
अकेले रहने वाले व्यक्ति अपने निर्णयों और कार्यों के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं। वे अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने में सक्षम होते हैं और दूसरों पर निर्भर रहने की अपेक्षा खुद पर विश्वास रखते हैं।
आत्म-निर्भर लोग वे होते हैं जो अपने जीवन में अधिकांश निर्णयों और कार्यों के लिए स्वयं पर निर्भर रहते हैं। उनका यह गुण उन्हें स्वतंत्र, आत्मविश्वासी, और प्रेरित बनाता है। आत्म-निर्भरता न सिर्फ व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि पेशेवर जीवन में भी अमूल्य है। नीचे आत्म-निर्भर व्यक्तित्व के कुछ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं:
- स्वावलंबन: आत्म-निर्भर व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खुद पर भरोसा करते हैं। वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपने संसाधनों और क्षमताओं का उपयोग करते हैं।
- आत्म-विश्वास: आत्म-निर्भरता और आत्म-विश्वास हाथ में हाथ डाले चलते हैं। जब लोग अपने निर्णयों और क्षमताओं पर विश्वास करते हैं, तो वे अधिक दृढ़ और संकल्पित होते हैं।
- समस्या समाधान की क्षमता: आत्म-निर्भर व्यक्ति समस्याओं को चुनौतियों के रूप में देखते हैं और उन्हें हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं। वे समाधानों की खोज में सृजनात्मक और नवीन दृष्टिकोण अपनाते हैं।
- आत्म-प्रेरणा: आत्म-निर्भर लोग अपनी प्रेरणा के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर नहीं होते। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए खुद को प्रेरित करने में सक्षम होते हैं।
- निर्णय लेने की क्षमता: आत्म-निर्भर व्यक्ति निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, यहां तक कि दबाव में भी। वे जोखिमों का मूल्यांकन कर सकते हैं और सोच-समझकर निर्णय ले सकते हैं।
- आत्म-सुधार की ओर उन्मुखीकरण: आत्म-निर्भर लोग स्वयं के विकास और आत्म-सुधार में निरंतर रुचि रखते हैं। वे नए कौशल सीखने, नई जानकारी प्राप्त करने, और अपनी क्षमताओं को विकसित करने में समय और संसाधन निवेश करते हैं।
- लचीलापन: आत्म-निर्भर व्यक्ति असफलताओं और चुनौतियों का सामना करने पर भी लचीले होते हैं। वे नकारात्मक परिस्थितियों से सीखते हैं और अपनी रणनीतियों में सुधार करते हैं।
आत्म-निर्भर लोग अपने जीवन को अधिक सार्थक और संतोषजनक बनाने की दिशा में काम करते हैं। उनका यह दृष्टिकोण न सिर्फ उनके लिए लाभदायक होता है बल्कि उनके आस-पास के लोगों के लिए भी प्रेरणास्पद होता है।
2. गहरी आत्म-जागरूकता
अकेले समय बिताने से व्यक्तियों को अपने विचारों, भावनाओं, और प्रेरणाओं का गहरा विश्लेषण करने का अवसर मिलता है। यह उन्हें खुद को बेहतर समझने और आत्म-विकास की दिशा में काम करने में मदद करता है।
गहरी आत्म-जागरूकता वाले लोग अपने व्यक्तित्व, भावनाओं, विचारों, मूल्यों, और उनके कार्यों के प्रभावों की गहराई से समझ रखते हैं। यह आत्म-ज्ञान उन्हें अधिक सचेत और संतुलित जीवन जीने में सक्षम बनाता है। आइए गहरी आत्म-जागरूकता वाले लोगों के व्यक्तित्व की कुछ मुख्य विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं:
- आत्म-समीक्षा की क्षमता: गहरी आत्म-जागरूकता वाले लोग स्वयं की निरंतर समीक्षा करते हैं, अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानते हैं, और इस जानकारी का उपयोग अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी में सुधार के लिए करते हैं।
- भावनात्मक नियंत्रण: वे अपनी भावनाओं को समझने और उन्हें प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं। इससे उन्हें तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी संयमित और संतुलित बने रहने में मदद मिलती है।
- सहानुभूति: गहरी आत्म-जागरूकता वाले लोग दूसरों की भावनाओं और दृष्टिकोणों को समझने में सक्षम होते हैं। वे सहानुभूति दिखाते हैं और अन्य लोगों के साथ गहरे और अर्थपूर्ण संबंध बनाने में सफल होते हैं।
- संवाद कौशल: आत्म-जागरूकता उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से संवादित करने में सक्षम बनाती है। यह संवाद कौशल व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों संदर्भों में उनके लिए लाभकारी होता है।
- निर्णय लेने में सचेतता: वे निर्णय लेते समय अपने मूल्यों, प्राथमिकताओं और पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हैं। इससे उन्हें अधिक सूचित और सचेत निर्णय लेने में मदद मिलती है।
- लचीलापन: आत्म-जागरूकता वाले लोग अपनी चुनौतियों और विफलताओं को स्वीकार करते हैं और उनसे सीखते हैं। इससे वे अधिक लचीले और अनुकूलनीय बनते हैं।
- स्वायत्तता: गहरी आत्म-जागरूकता उन्हें अपनी जिंदगी के निर्णय अपने लिए खुद लेने में सक्षम बनाती है, बजाय कि दूसरों के दबाव या अपेक्षाओं के अधीन होने के।
गहरी आत्म-जागरूकता वाले लोग अपने व्यक्तित्व और जीवन के प्रति एक गहन समझ और संतुलन के साथ, अपने आप को और अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर बनाने की ओर अग्रसर करते हैं।
3. गहरी सोच और रचनात्मकता
अकेलापन अक्सर रचनात्मक सोच और नवीन विचारों को जन्म देता है। एकांत में, व्यक्ति बिना किसी बाहरी विकर्षण के, अपने विचारों को गहराई से खोज सकते हैं।
गहरी सोच और रचनात्मकता वाले लोग अपनी विशिष्टता और अनूठे दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। इन विशेषताओं के साथ, वे नए विचारों की खोज करने, मौजूदा समस्याओं के अनूठे समाधान प्रस्तुत करने और कलात्मक अभिव्यक्ति में असाधारण होते हैं। ऐसे लोगों के व्यक्तित्व की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- जिज्ञासा: गहरी सोच और रचनात्मकता वाले लोगों में जिज्ञासा की एक मजबूत भावना होती है। वे हमेशा नई जानकारी की खोज में रहते हैं और उन्हें नए विचारों और संभावनाओं की खोज करने में आनंद आता है।
- मौलिकता: ये लोग अक्सर अनूठे और मौलिक विचारों के साथ आते हैं। उनकी सोच बॉक्स के बाहर होती है, और वे समस्याओं के पारंपरिक समाधानों से परे सोचने में सक्षम होते हैं।
- गहन अंतर्दृष्टि: गहरी सोच वाले लोग अक्सर गहन अंतर्दृष्टि विकसित करते हैं, जो उन्हें जटिल समस्याओं की जड़ तक पहुँचने और उन्हें हल करने में मदद करती है।
- खुलापन नए अनुभवों के लिए: वे नए अनुभवों और विचारों के प्रति खुले होते हैं, जो उनकी रचनात्मकता को और भी बढ़ाता है। यह विशेषता उन्हें विविधतापूर्ण परिस्थितियों और विचारधाराओं में आराम से संवाद करने में सक्षम बनाती है।
- स्वायत्तता: ऐसे लोग अक्सर अपने निजी विचारों और मूल्यों के प्रति सचेत रहते हैं और समाज के दबावों या रूढ़ियों के अनुसार अपने आप को ढालने के बजाय अपनी अनूठी पहचान का सम्मान करते हैं।
- संवेदनशीलता: रचनात्मक व्यक्तित्व वाले लोग अक्सर भावनात्मक रूप से संवेदनशील होते हैं, जो उन्हें कला, संगीत, और साहित्य में गहराई से जुड़ने में मदद करती है।
- लचीलापन: उनके विचारों और परियोजनाओं में असफलताओं का सामना करने के बावजूद, वे नई रणनीतियों को अपनाने और अपने दृष्टिकोण को बदलने में सक्षम होते हैं। इससे उनकी रचनात्मकता और अधिक परिष्कृत होती है।
गहरी सोच और रचनात्मकता वाले लोग समाज के लिए अमूल्य होते हैं, क्योंकि वे नई तकनीकें, कलात्मक अभिव्यक्तियाँ, और विचारों की सीमाओं को धकेलते हैं, जिससे हमारी संस्कृति और समझ विकसित और समृद्ध होती है।
4. सहनशीलता और आत्म-संयम
अकेले रहने की आदत से व्यक्ति में धैर्य और सहनशीलता की खूबियां विकसित होती हैं। वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सीखते हैं और तनावपूर्ण स्थितियों में भी शांत रहते हैं।
सहनशीलता और आत्म-संयम व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण गुण हैं, जो व्यक्ति को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में संतुलन और शांति बनाए रखने में मदद करते हैं। ये विशेषताएं न केवल व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए आवश्यक हैं, बल्कि सामाजिक संबंधों और पेशेवर जीवन में भी इनका महत्व है। सहनशीलता और आत्म-संयम वाले लोगों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- आत्म-नियंत्रण: ये लोग अपने इमोशन्स और प्रतिक्रियाओं पर मजबूत नियंत्रण रखते हैं, खासकर तनावपूर्ण या उत्तेजक परिस्थितियों में। आत्म-संयम उन्हें आवेगी निर्णय लेने से बचने में मदद करता है।
- धैर्य: सहनशीलता वाले लोग धैर्यवान होते हैं और लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए तात्कालिक संतोष की भावना को टाल सकते हैं। वे समझते हैं कि महत्वपूर्ण परिणामों को प्राप्त करने में समय लगता है।
- आत्म-चिंतन: सहनशीलता और आत्म-संयम वाले व्यक्ति अक्सर गहरे आत्म-चिंतन में लिप्त रहते हैं, जो उन्हें अपनी कमजोरियों और ताकतों का बेहतर मूल्यांकन करने में सक्षम बनाता है।
- दृढ़ संकल्प: इस प्रकार के लोग अपने लक्ष्यों के प्रति अडिग रहते हैं, भले ही उन्हें अडचनें और चुनौतियाँ सामना करना पड़े। वे अपने दृढ़ संकल्प के बल पर बाधाओं को पार करते हैं।
- तनाव प्रबंधन: सहनशीलता और आत्म-संयम से लैस व्यक्ति तनाव को प्रबंधित करने में कुशल होते हैं। वे स्थितियों को शांति से संभालते हैं और तनाव के स्रोतों को सकारात्मक रूप से हल करते हैं।
- व्यक्तिगत और सामाजिक समझ: ये लोग सामाजिक अंतर्दृष्टि और व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि में समृद्ध होते हैं, जिससे उन्हें दूसरों के साथ संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण ढंग से पेश आने में मदद मिलती है।
- उदारता और क्षमा: वे दूसरों की गलतियों को समझने और क्षमा करने में सक्षम होते हैं, यहां तक कि जब वे खुद प्रभावित होते हैं। इससे उनके निजी और पेशेवर संबंध मजबूत होते हैं।
सहनशीलता और आत्म-संयम वाले व्यक्तित्व न केवल व्यक्ति के लिए लाभकारी होते हैं, बल्कि वे समाज के लिए भी अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत करते हैं। ये गुण दीर्घकालिक संतोष, खुशी, और सफलता की ओर ले जाते हैं।
5. संवेदनशीलता और गहरी अंतर्दृष्टि
अकेले रहने वाले व्यक्ति अक्सर अपने और दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। वे दूसरों की भावनाओं को समझने और उनके साथ सहानुभूति रखने में सक्षम होते हैं।
संवेदनशीलता और गहरी अंतर्दृष्टि वाले लोग वे होते हैं जिनके पास अपने आस-पास की दुनिया और उसमें मौजूद लोगों के बारे में गहरी समझ होती है। ये व्यक्तित्व लक्षण उन्हें अपने और दूसरों के भावनात्मक अनुभवों को अधिक गहराई से महसूस करने और समझने में सक्षम बनाते हैं। ऐसे लोगों की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- भावनात्मक संवेदनशीलता: इन लोगों के पास अत्यधिक भावनात्मक संवेदनशीलता होती है, जो उन्हें खुद की और दूसरों की भावनाओं को गहराई से समझने और महसूस करने में सक्षम बनाती है।
- गहरी अंतर्दृष्टि: वे जीवन की घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों पर गहराई से विचार करने में सक्षम होते हैं, जिससे उन्हें अंतर्निहित पैटर्न और अर्थ समझ में आते हैं।
- उच्च एम्पथी: इस प्रकार के लोगों में दूसरों की भावनाओं के प्रति उच्च स्तर की सहानुभूति होती है। वे दूसरों के दृष्टिकोण को समझने और उनकी भावनाओं को महसूस करने में सक्षम होते हैं।
- आत्म-जागरूकता: संवेदनशीलता और गहरी अंतर्दृष्टि वाले लोग अपने आप में गहरी आत्म-जागरूकता रखते हैं। वे अपने विचारों, भावनाओं, और प्रेरणाओं को समझते हैं और अपने व्यवहार के पीछे के कारणों की पहचान कर सकते हैं।
- संवाद कौशल: उनकी गहरी अंतर्दृष्टि और भावनात्मक संवेदनशीलता उन्हें अत्यंत प्रभावी संवादी बनाती है। वे अपने शब्दों को ध्यान से चुनते हैं और दूसरों के साथ संवेदनशील और सम्मानजनक तरीके से संवाद करते हैं।
- रचनात्मकता: गहरी अंतर्दृष्टि और संवेदनशीलता वाले लोग अक्सर उच्च स्तर की रचनात्मकता के साथ आते हैं। वे अपने आस-पास की दुनिया को अनूठे और नवीन तरीकों से देखने में सक्षम होते हैं, जिससे उन्हें विभिन्न कलात्मक और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
- नैतिक और मूल्य-संचालित निर्णय: इस प्रकार के व्यक्तित्व अपने निर्णयों और कार्यों में गहरे मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों का पालन करते हैं। वे अक्सर उच्च नैतिक मानदंडों के साथ जीवन जीते हैं और उनके निर्णयों में इन मूल्यों को प्रतिबिंबित करते हैं।
संवेदनशीलता और गहरी अंतर्दृष्टि वाले लोगों का व्यक्तित्व उन्हें अपने और दूसरों के जीवन में गहरी समझ और सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता प्रदान करता है।
6. उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता और फोकस
अपने समय और स्थान का प्रबंधन करने की क्षमता अकेले रहने वाले लोगों में अक्सर बेहतर होती है। वे अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और बिना विचलित हुए अपने काम में लग सकते हैं।
उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता और फोकस वाले लोग अपने जीवन और काम के सभी पहलुओं में व्यवस्थित, कुशल और प्रभावी होते हैं। इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले लोग अपने लक्ष्यों की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य करने में सक्षम होते हैं, और उनके दैनिक जीवन में उच्च स्तर की उत्पादकता और संतुष्टि होती है। निम्नलिखित विशेषताएँ उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता और फोकस वाले लोगों के व्यक्तित्व को दर्शाती हैं:
- समय प्रबंधन: इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले लोग समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करते हैं, प्राथमिकताएं निर्धारित करते हैं, और डेडलाइन को पूरा करने के लिए सिस्टमेटिक रूप से काम करते हैं।
- लक्ष्य-निर्धारण: वे अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं और उन्हें प्राप्त करने के लिए योजना बनाते हैं। इस प्रक्रिया में वे लक्ष्यों को छोटे, प्रबंधनीय कदमों में विभाजित करते हैं।
- विस्तार पर ध्यान: उच्च संगठनात्मक क्षमता वाले लोग विवरणों के प्रति सजग रहते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक कार्य ठीक से पूरा हो।
- फोकस और एकाग्रता: वे विकर्षणों को दूर करने और लंबे समय तक एकाग्रता बनाए रखने में माहिर होते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है।
- स्व-अनुशासन: उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता वाले व्यक्ति उच्च स्व-अनुशासन के साथ काम करते हैं, जिससे वे अपनी योजनाओं के प्रति समर्पित रहते हैं और आसानी से विचलित नहीं होते।
- पुनरावलोकन और समायोजन: वे नियमित रूप से अपनी प्रगति की समीक्षा करते हैं और योजनाओं में समायोजन करते हैं ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित हो सके।
- आत्म-सुधार की प्रतिबद्धता: उच्च स्तर की संगठनात्मक क्षमता वाले लोग आत्म-सुधार में निवेश करते हैं, नए कौशल सीखते हैं, और अपनी दक्षताओं को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं।
ये व्यक्तित्व विशेषताएं न केवल व्यक्तिगत सफलता में योगदान करती हैं बल्कि पेशेवर वातावरण में भी उन्हें एक मूल्यवान संसाधन बनाती हैं।
7. आत्म-सुधार की प्रतिबद्धता
अकेले रहने वाले लोग अक्सर आत्म-सुधार और व्यक्तिगत विकास की ओर अधिक प्रवृत्त होते हैं। वे नई चीजें सीखने, नए अनुभवों का पता लगाने, और अपनी क्षमताओं का विस्तार करने में रुचि रखते हैं
आत्म-सुधार की प्रतिबद्धता वाले लोग उन विशेषताओं और प्रवृत्तियों से परिपूर्ण होते हैं जो उन्हें लगातार अपनी क्षमताओं को विकसित करने, नई चीजों को सीखने, और अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाने के लिए प्रेरित करते हैं। इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले लोगों में निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं:
- आत्म-जागरूकता: आत्म-सुधार की दिशा में पहला कदम अक्सर आत्म-जागरूकता से शुरू होता है। ये लोग अपनी ताकत, कमजोरियों, भावनाओं, विचारों और प्रतिक्रियाओं के प्रति सचेत रहते हैं।
- लक्ष्य-निर्धारण: वे स्पष्ट और मापनीय लक्ष्य निर्धारित करते हैं जो उन्हें अपनी प्रगति को दिशा देने और उसका मूल्यांकन करने में मदद करते हैं।
- प्रेरणा और दृढ़ता: आत्म-सुधार की यात्रा में प्रेरणा और दृढ़ता महत्वपूर्ण हैं। ये लोग चुनौतियों का सामना करने और असफलताओं से सीखने की इच्छाशक्ति रखते हैं।
- सतत सीखने की आदत: वे निरंतर सीखने के महत्व को समझते हैं और नए ज्ञान और कौशल हासिल करने के लिए विभिन्न स्रोतों का लाभ उठाते हैं।
- सकारात्मकता और आशावाद: आत्म-सुधार के प्रति समर्पित लोग अक्सर सकारात्मक और आशावादी होते हैं। वे अपनी योग्यता और संभावनाओं में विश्वास रखते हैं।
- स्व-अनुशासन और समय प्रबंधन: ये व्यक्ति अपने समय और संसाधनों का प्रबंधन करने में कुशल होते हैं, और उन्हें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ाने में सहायता करते हैं।
- अनुकूलनशीलता: आत्म-सुधार की यात्रा में अनुकूलनशीलता महत्वपूर्ण है। ये लोग बदलावों और नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।
- आत्म-करुणा और क्षमा: आत्म-सुधार की प्रक्रिया में, ये व्यक्ति अपनी गलतियों और कमजोरियों को स्वीकार करने में सक्षम होते हैं और खुद को क्षमा करने की क्षमता रखते हैं।
- सामाजिक समर्थन की मांग: वे अक्सर मेंटर्स, कोच, और समर्थक समुदायों की मदद से अपने आत्म-सुधार के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहते हैं।
आत्म-सुधार की प्रतिबद्धता वाले लोगों में ये विशेषताएं न केवल उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही क्षेत्रों में उन्नति करने में सहायता करती हैं, बल्कि उन्हें अधिक संतुलित और पूर्ण जीवन जीने की दिशा में भी अग्रसर करती हैं।
ये खूबियां न केवल उन्हें अपने एकांत में समृद्ध बनाती हैं, बल्कि उन्हें दूसरों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से जुड़ने और संवाद करने में भी मदद करती हैं।
इसलिए, अंत में, जैसे ही हम इस खोज को एकांत की दुनिया में समाप्त करते हैं, आप अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित है कि क्या आपको भी एकांत जीवन से ताकत मिलती है? एकांत जीवन ने आपके व्यक्तित्व और आपके जीवन को कैसे आकार दिया है? आइए उन एकांत क्षणों का जश्न मनाएं जो हमें अपने और मानवीय आत्मा की असाधारण गहराइयों के करीब लाते हैं। और खुद को समझने में मदद करते है।