राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की मूर्ति के विग्रह की खूब चर्चा हो रही है।

रामलला की दो छवि की चर्चा की जा रही है एक प्राण-प्रतिष्ठा से पहले की, दूसरी पूजा के बाद की।

दोनो में फर्क साफ दिख रहा है। गर्भगृह में रामलला की आंखें सजीव जैसी दिखने लगी हैं और उनका बाल सुलभ मनमोहक मुस्कान भी निखर गया है।

रामलला की मूर्ति गढ़ने वाले अरुण योगीराज ने बताया कि जब उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन किए तो मंत्रमुग्ध रह गए। उन्हें भरोसा नहीं हुआ कि रामलला को उन्हीं ने गढ़ा है।

अरुण योगीराज ने कई मूर्तियां बनाई हैं लेकिन रामलला की मूर्ति बनाना उनका सौभाग्य है।

गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के विग्रह के भाव बदल गए। उनके विग्रह में देवत्व का भाव आ गया। 

यह इतना खूबसूरत हो गया है कि ऐसा लगता है जैसे आप रामलला को बस देखते ही रहें।